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Bhajan : Shanker Teri Jata  Mein
Singer : Shir Prembhushan Ji Mahraj

Lyrics:
https://shriprembhushanjimahraj.blogspot.com/


शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा  ||
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा  ||
काली घटा के अंदर , जिम्दामिनी उज़ाला
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा  ||

गले मुंड मॉल राजे , शशी भाल पे विराजे ||
डमरू निनाद बाजे, कर में त्रिशूल धारा ||
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा  ||
काली घटा के अंदर , जिम्दामिनी उज़ाला

मृग चरम वसन धारी , ब्रिस्राज पे सवारी
निज भक्त दुःख हारी , कैलाश में विहारा
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा  ||

त्रिग तीन तेज राशि , कटी बांध नाग फ़ासी
गिरजा है संग दासी , सब विश्व के अधारा ||
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा  ||
काली घटा के अंदर , जिम्दामिनी उज़ाला



Shankar Teri Jata me Behti Hai Gang Dhara bahut hi sunder bhajan prembhushan ji

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