भजन : हल्दी गीत , आज जनकपुर में मडवा
गायक : राजन जी महराज
आज जनकपुर में मड़वा , बड़ा सुहावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया , मन भावन लागे
हर हरे बसंवा , कटवले जनक राजा
मन में सुनैना माई के, बजे ला आनंद बाजा
शोर भइले सगरी महलिया , बड़ा सुहावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया मन भावन लागे
धनि रे नगरिया के उमड़ल भगिआ
लग ली सुनार सिया के अमर सुहागिया
चौका पुरावल अंगनवा बड़ा पावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया मन भावन लागे
आँखि के पुतरिया के , जब भेजबो नगरिया
धरती दरक जैहह , गिरीयह बिजुरिआ
धर धर बरसे नयनवा , जैसे सावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया, मन भावन लागे
आज जनकपुर में मड़वा , बड़ा सुहावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया , मन भावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया , मन भावन लागे
गायक : राजन जी महराज
आज जनकपुर में मड़वा , बड़ा सुहावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया , मन भावन लागे
हर हरे बसंवा , कटवले जनक राजा
मन में सुनैना माई के, बजे ला आनंद बाजा
शोर भइले सगरी महलिया , बड़ा सुहावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया मन भावन लागे
धनि रे नगरिया के उमड़ल भगिआ
लग ली सुनार सिया के अमर सुहागिया
चौका पुरावल अंगनवा बड़ा पावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया मन भावन लागे
आँखि के पुतरिया के , जब भेजबो नगरिया
धरती दरक जैहह , गिरीयह बिजुरिआ
धर धर बरसे नयनवा , जैसे सावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया, मन भावन लागे
आज जनकपुर में मड़वा , बड़ा सुहावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया , मन भावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया , मन भावन लागे
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