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लिरिक्स : अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे  ||  राजन जी महराज  

लिरिक्स  : राजन जी महराज के भजन 

https://shriprembhushanjimahraj.blogspot.com/

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

पतितो को पावन है करते कृपानिधि
पतितो को पावन है करते कृपानिधि
किये पाप है इस सुयश की सहारे।
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

नी मै नचना श्याम दे नाल अज मैनू नच्च लेन दे भजन लिरिक्स

हमारे लिए क्यों देरी किये हो |
हमारे लिए क्यों देरी किये हो  ||
दृढ़ता अजामिल को पल भर तारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

ये माना अधम है  अपावन कुटिल है  |
ये माना अधम है  अपावन कुटिल है  ||
सब कुछ है लेकिन नहीं भगवन तुम्हारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

मन होगा निर्मल तुम्हारी कृपा से  |
मन होगा निर्मल तुम्हारी कृपा से  ||
इसे शुद्ध करने में राजेश हारे  ......
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ||


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2 Comments

  1. One line is wrong it is supposed to be-
    “सब कुछ है लेकिन है भगवन तुम्हारे”

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