भजन लिरिक्स
राजन जी महराज
" गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो "बहुत ही सूंदर भजन पूज्य राजन जी महराज द्वारा हुआ अद्भुत भजन है।
तर्ज : अँखियो को रहने दे अँखियो के आस पास
भजन
प्रभु अपने दर से अब तो न टालो
गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
खाली न जाता कोई दर से तुम्हारे
द्वारे खड़ा हु नन्ही बाहे पसारे
चरणों की सेवा में लगा लो लगा लो
गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
प्रभु अपने दर से अब तो न टालो
गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
नहीं टूट पायेगा दुनिया का बंधन
जब तक कृपा न होगी तेरी रघुनंदन
कदम लड़खड़ाए है संभालो संभालो
गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
अगर था हटाना तो फिर क्यों बुलाया
सोते ही रहने देते काहे जगाया
अब जब जगाया तो अपना बना लो
गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
प्रभु अपने दर से अब तो न टालो
गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
बंधन प्रताप सारे टूट चुके है
जितने सहारे थे छूट चुके है
अवसर मिला है अपना वादा निभा लो
गिरा गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
प्रभु अपने दर से अब तो न टालो
गिरा जा रहा हु उठा लो उठा लो
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