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भजन लिरिक्स : राजन जी महराज 


प्रभु हम भी शरणागत है 
स्वीकार करो तो जाने 

अब हमे पतित से पावन 
सरकार करो तो जाने 

प्रेमी जन तुमको पाते 
तुम  भक्ति भाव बस आते 
हम कुटिल हृदय के क्लूचित 
निस्तार करो तो जाने 

प्रभु हम भी शरणागत है 
स्वीकार करो तो जाने 

ज्ञानी तुममे तन्मय है 
ध्यानी भी तुम में लय है 
हम अज्ञानी चंचल चित 
उपकार करो तो जाने 

प्रभु हम भी शरणागत है 
स्वीकार करो तो जाने 

क्या मुख ले विनय सुनाये 
हम कैसे तुमको भाए  
अगणित अपराध किये है 
उद्धार  करो तो जाने 

प्रभु हम भी शरणागत है 
स्वीकार करो तो जाने 

जीवन  नईया जर्जर है 
हर छन विनाश का है 
ऐसे भी एक पथिक  को  
भवपार करो तो  जाने 

प्रभु हम भी शरणागत है 
स्वीकार करो तो जाने 








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