प्रभु अनुराग में रहो भजन राजन जी महराज -
Prabhu Anurag Me Raho Bhajan by Rajan Ji Mahraj
किसी भी राग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
किसी भी राग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
दुःख की आग में रहो
या सुख के बाग़ में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
जगत के जाल में रहो
किसी जंजाल में रहो
किसी भी हाल में रहो
हरी के ख्याल में रहो
रहो काशी कामख्या पुणे
या प्रयाग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
किसी के राज में रहो
किसी भी काज में रहो
किसी अंदाज़ में लेकिन
मगन रघुराज में रहो
चाहे भगती चाहे ज्ञान
या बैराग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
जनक दुलारी में रहो
अवध बिहारी में रहो
शिकारी राजा रामचंद
कुंज बिन्दारी में रहो
राजन सिया साजन की
खोज में अनुराग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
प्रभु अनुराग में रहो
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