भजन कभी अगले क्षण के भरोसे न रहना लिरिक्स – Ye tan kimti hai magar hai vinashi bhajan lyrics by rajan ji mahraj

Bhajan Lyrics

कभी अगले क्षण के भरोसे न रहना

।। Pujya Rajan Ji latest bhajan Lyrics ।।


श्री रामकथा के पावन अवसर पर पूज्य राजन जी द्वारा गाया हुआ ये भजन- कभी अगले छण के भरोसे न रहना, चेतावनी भाव पर गाया हुआ एक सुन्दर भजन है। इस भजन को पूज्य राजन जी ने गौरीगंज, अमेठी , उत्तर प्रदेश की श्री रामकथा में गाया है जो नवम्बर 2021 में हुई थी। इस पद की रचना साकेतवासी प्रातः स्मरणीय परम पूज्य स्वामी श्री राजेश्वरानंद सरस्वती जी ने की है। 

 

 

 

ये तन कीमती है मगर है विनाशी ,

कभी अगले क्षण के भरोसे न रहना ।

निकल जाएगी छोड़ काया को पल में ,

कभी श्वास धन के भरोसे न रहना ।

 

एक पल में योगी, एक पल में भोगी ,

 पलभर
में ग्यानी , पल में वियोगी ।

बदलता जो क्षण क्षण में वृत्ति अपनी ,

सदा अपने मन के भरोसे न रहना ।

 

हम सोचते काम दुनिया का कर लें ,

धन-धाम अर्जित कर नाम कर लें ।

फिर एक दिन बन कर साधू रहेंगे ,

उस एक दिन के भरोसे न रहना ।

 

तुमको जो मेरा मेरा कहेंगे
,

जरुरी नहीं वे भी तेरे
रहेंगे

मतलब से मिलते है दुनिया के
साथी ,

सदा इस मिलन के भरोसे न
रहना |

 

“राजेश” अर्जित गुरु ज्ञान कर लो ,

 या
प्रेम से राम गुणगान कर लो ।

अथवा श्री
राम नाम नित्य रट लो नियम से ,

किसी अन्य गुण के भरोसे न रहना ।

 

ये तन कीमती है मगर है विनाशी ,

कभी अगले क्षण के भरोसे न रहना ।

 

 

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