राजन जी महारज का करुणामई भजन
❇️ मर मर के जी रहे हैं तेरे प्यार के बिना ।।❇️
मर मर के जी रहे है
तेरे प्यार के बिना
लगता नहीं है दिल कही
दिलदार के बिना
मर मर के जी रहे है
तेरे प्यार के बिना
फिरते है दर बदर फिर
सोचते है हम
फिरते है दर बदर फिर
सोचते है हम
कदमो में किसके सर रखे
सरकार के बिना
मर मर के जी रहे है
तेरे प्यार के बिना
आ जाओ जल्द तुमको भी
कुछ चैन तो मिले
मिलने का क्या मज़ा है
तलबगार के बिना
मर मर के जी रहे है
तेरे प्यार के बिना
मेला है ख्वाहिसों का
दिल में लगा हुआ
हम भीड़ में खिले है
आजार के बिना
मर मर के जी रहे है
तेरे प्यार के बिना
सुन के मेरी गुज़ारिश
मूह फेर चल दिए
इंनकार कर दिया है
इनकार के बिना
मर मर के जी रहे है
तेरे प्यार के बिना
बदलेगी नही तुम बिन
राजेश जिंदगी
खिलते नही है फूल भी
बहार के बिना
मर मर के जी रहे है
तेरे प्यार के बिना
Post a Comment