भजन लिरिक्स
राजन जी महराज
राजन जी महराज
✴️पूज्य राजन जी द्वारा श्री राम कथा में गाया हुआ भजन- दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो, शरणागत भाव का एक बहुत ही अद्भुत भजन है। मिथिला में एक बहुत ही अद्भुत संत हुवे प्रातः स्मरणीय पूज्य श्री बांके बिहारी जी झां (करील) ।
यह भजन उन्हीं की रचना है ।✴️
दर पर तुम्हारे आया
ठुकराओ या उठा लो
दर पर तुम्हारे आया , ठुकराओ या उठा लो
करुणा की सिंधु मालिक , अपनी बिरद बचा लो
मीरा या सबरी जैसा , पाया हृदय न मैंने
जो है दिया तुम्हारा , लो अब इसे संभालो
दर पर तुम्हारे आया , ठुकराओ या उठा लो
दिन रात अपना अपना , करके बहुत ठगाया
कोई हुआ न अपना , अपना मुझे बना लो
दर पर तुम्हारे आया , ठुकराओ या उठा लो
दोषी हु मै या सारा , ये खेल है तुम्हारा
जो हो समर्थ हो तुम , चाहे जो गज़ब ढालो
दर पर तुम्हारे आया , ठुकराओ या उठा लो
बस याद अपनी दे दो , सब कुछ भले ही ले लो
विषमय करील पर अब , करुणा की दृस्टि डालो
दर पर तुम्हारे आया , ठुकराओ या उठा लो
दर पर तुम्हारे आया , ठुकराओ या उठा लो
करुणा की सिंधु मालिक , अपनी बिरद बचा लो