भजन लिरिक्स : जगत में को न परमानेंट
गायक : राजन जी महाराज
|| राम कथा वाचक ||
Lyrics : जगत में कोई न परमानैंट
जगत में परमानेंट
तेल चमेली चन्दन साबुन चाहे लगालो सेंट
जगत में कोई न परमानैंट
आवा गमन लगी दुनिया में
जगत है रेस्टोरेंट रे प्यारे। …….
अंत समय में उड़ जाएंगे। तेरे तंबू टेंट
जगत में कोई न परमानेंट ……
हरिद्वार चाहे मथुरा काशी , घूमो दिल्ली कैंट
मन में नाम प्रभु का राखो , चाहे धोती पहनो या पेंट
जगत में कोई न परमानेंट
राष्ट्रपति या जनरल , कर्नल चाहे हो लेफ्टिनेंट
ये काल सभी को खा जाएगा लेडिस हो या जेंट्स
जगत में कोई न परमानेंट
साधु संत की संगत करलो , ये सच्ची गवर्नमेंट
साधु संत की संगत करलो , ये सच्ची गवर्नमेंट
लाल सिंह कहे इस दफ्तर से , मत होना एब्सेंट
जगत में कोई न परमानेंट
तेल चमेली चन्दन साबुन चाहे लगालो सेंट
जगत में कोई न परमानैंट ……..