❇️ मेरी भी टेर सुनलो, धनु बान के धरैया । ❇️
पूज्य राजन जी के द्वारा श्री रामकथा के मध्य गाया हुआ ये भजन- मेरी भी टेर सुनलो, धनु बान के धरैया, शरणागति भाव पर गाया हुआ एक बहुत ही सुंदर भजन है। इस भजन को पूज्य राजन जी ने देवसर, सिंगरौली, मध्यप्रदेश की श्री रामकथा में गाया है जो अक्टूबर 2022 में हुई थी।। इस भजन की रचना साकेतवासी प्रातः स्मरणीय परम पूज्य स्वामी श्री राजेश्वरानंद सरस्वती जी ने की है।
मेरी भी टेर सुन लो भजन लिरिक्स – Meri Bhi ter sun lo bhajan lyrics
by rajan ji mahraj
Bhajan Lyrics
Meri Bhi Ter Sun Lo
अरे मेरी भी तेर सुनलो , धनुबान के धरिईया
मेरी भी टेर सुन लो , धनुबान के धरिईया
सिरभार मेरा हर लो , भू भर के हरैयिया
तूफान उठ रहे है , प्रतिकुलता के काफी
आके सम्भालो राघव , मझधार में है नैय्या
मेरी भी टेर सुन लो , धनुबान के धरिईया
जिसका नही है कोई , जो पड़ गया अकेला
जिसका नही है कोई , जो पड़ गया अकेला
उस दीन के सहारे , तुम हो भरत के भईया ,
मेरी भी टेर सुन लो , धनुबान के धरिईया
राजेश का तो सम्बल श्री राम बस यही है
रघुवर पिता है मेरे , श्री जानकी जी मईया
मेरी भी टेर सुन लो , धनुबान के धरिईया