दिल को छू लेने वाली कविता
Lyrics
सच बात पूछती हु बताओ न बाबु जी
छुपाओ न बाबु जी
क्या याद मेरी आती नही
छुपाओ न बाबु जी
क्या याद मेरी आती नही
पैदा हुई घर में मेरे , मातम सा छाया था
पापा तेरे खुश थे , मुझे माँ ने बताया था
ले ले के नाम प्यार , जताते भी मुझे थे
आते थे कही से तो , बुलाते भी मुझे थे
मै हु नहीं तो किसको
बुलाते हो बाबु जी
क्या याद मेरी आती नहीं
हर जिद मेरी हुई , हर बात मानते
बेटी थी मगर बेटो से , ज्यादा थे जानते
घर में कभी होली , कभी दीपावली आई
सेंडल भी मेरी आई , मेरी फरोक भी आई
अपने लिए बंडी भी न , लाते थे बाबु जी
क्या कमाते थे बाबु जी
क्या याद मेरी आती नही
सारी उम्र खर्चे में , कमाई में लगा दी
दादी बीमार थी तो , दवाई में लगा दी
पढ़ने में लगे हम सब , तो पढाई में लगा दी
बाकी बचा वो मेरी , सगाई में लगा दी
अब किसके लिए इतना कमाते हो बाबू जी
बचाते हो बाबु जी
क्या याद मेरी आती नहीं
कहते थे मेरा मन कही , एक पल न लगेगा
बिटिया बिदा हुई तो ये , घर घर न लगेगा
कपडे कभी गहने कभी , सामान संजोते
तयारिया भी करते थे , छुप छुप के थे रोते
कर कर के याद अब तो , न रोते थे बाबु जी
क्या याद मेरी आती नही
कैसी परंपरा है ये कैसा विधान है
पापा बता न कौन सा मेरा जहान है
आधा यहाँ आधा वहां जीवन है अधुरा
पीहर मेरा पूरा है न ससुराल है पूरा
क्या आपका भी प्यार अधूरा है बाबू जी
न पूरा है बाबु जी
पापा बता न कौन सा मेरा जहान है
आधा यहाँ आधा वहां जीवन है अधुरा
पीहर मेरा पूरा है न ससुराल है पूरा
क्या आपका भी प्यार अधूरा है बाबू जी
न पूरा है बाबु जी
क्या याद मेरी आती नही
सच बात पूछती हु बताओ न बाबु जी
छुपाओ न बाबु जी
क्या याद मेरी आती नहीं
सच बात पूछती हु बताओ न बाबु जी
छुपाओ न बाबु जी
क्या याद मेरी आती नहीं
Gouri
Great
Wow yrr suuupppeerrrrrrrrrr
👍