जग जान सन्मुख जन्म लिरिक्स
छंद
श्री राजन जी महराज द्वारा गाया गया ये छंद आपके जीवन
को और भी ज्यादा उत्साहमय बनाएगा
जगु जान शनमुख जन्मु कर्मू प्रतापु पुरुषार्थु महा ।
तेही हेतु मैं बृषकेतु सुत कर चरित संछेपहिं कह: ||
या उमा स्नभु बिबाहु जे नर नारी कहहिन जे गावहीं |
कल्याण काज बिबह मंगल सरबाडा सुक्ख पावहीं ||