जिंदगी एक किराये का घर है , एक न एक दिन बदलना पड़ेगा Lyrics by तबला रामध्यान & Dimpal Bhumi

Zindagi Ek Kiraye ka Ghar Hai लिरिक्स 

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब तुझको आवाज देगी,
घर से बाहर निलना पड़ेगा ॥


मौत का बजा जिस दिन डंका
फूँक दी तब पल में सोने की लंका
कर गयी मौत रावण का बांका
वैसे तुझको भी जलना पड़ेगा
जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…

रात के बाद होगा सवेरा
देखना हो अगर दिन सुनहरा
पाँव फूलों पे रखने से पहले
तुझको काँटों पे चलना पड़ेगा

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…

ये जवानी है दो दिन का सपना,
ढूँढ ले तू जल्द राम अपना
ये जवानी अगर ढाल गयी तो,
उमर भर हाथ मलना पड़ेगा

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…

ये तसवुर ये जोशो-जवानी
चाँद लम्हों ही कहानी
ये दिया शाम तक देख लेना
चड़ते सूरज को ढालना पड़ेगा

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…

ऐसी हो जाएगी तेरी हालत,
काम आएगी दौलत न ताकत,
छोड़कर अपनी उँची हवेली,
तुझको बाहर निकलना पड़ेगा॥

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…

जलवा इ हुसन भी है
और खतरा भी है ज्यदा,
जिंदगानी के ये रास्ता है
हर कदम पर सम्बलना पड़ेगा ॥

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…

बाप बेटे ये भाई भतीजे
तेरे साथी है जीते जी के,
अपने आँगन से उठना पड़ेगा,
अपनी चौखट से टलना पड़ेगा॥

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…

जिंदगी एक किराये का घर है, 
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब तुझको आवाज देगी,
घर से बाहर निलना पड़ेगा ॥

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