पधारो शबरी के मेहमान
राजन जी महारज का अति सुंदर भजन लिरिक्स
शबरी की मेहमान पधारो ||
शबरी की मेहमान पधारो ||
बिना प्रेम दुर्योधन की ग्रह |
छोड़ चले पकवान ||
रूखे साग बिदुर घर खायो |
प्रेम शहित सुख मान ||
पधारो शबरी की मेहमान ||
पधारो शबरी की मेहमान ||
द्रुपद सुता की लाज बचाई |
मध्य सभा में आय ||
खीचत चीर दुशाष्ण हारा |
चूर कियो अभिमान ||
पधारो शबरी की मेहमान ||
जल डूबत गजराज उबारे |
तात शब्द सुन कान ||
सारथि पद पारथ रथ हाक्यो |
समर भूमि मैदान ||
पधारो शबरी की मेहमान ||
गणिका गीध अजामिल पापी |
तारे अधम महान ||
भिक्छु अति है शरण तुम्हारी |
मीरा के भगवान ||
पधारो शबरी की मेहमान ||
शबरी की मेहमान पधारो ||
शबरी की मेहमान ||
पधारो शबरी की मेहमान ||