भजन लिरिक्स
कहियो दर्शन दीहें हो, भीलनियो के राम
भजन
पंथ निहारत डगर बहारत होता सुबह शाम
कहियो दर्शन दीहें हो, भीलनियो के राम
गुरुवर पतंग जी रंगले राम रंग में
बालिका से प्रेत भएनी ओही रे तरंग में
नाम रूप और लीला धाम के
सुमिरन आठो याम
कहियो दर्शन दीहें हो, भीलनियो के राम
अधम ते अधम अधम अति नारी
उत चर्कवर्ती के उमा धनुहा धारी
चिख चिख बेर साज़ के राखब
आई भोग के काम
कहियो दर्शन दीहें हो, भीलनियो के राम
माडो से भागल , अनुराग अइसन जागल
शबरी शिकारी भएनी भगति में पागल
उहे डगर तुहू धरा हो राजन
उहे डगर तुहू धरा हो राजन
पईबा परम विश्राम
कहियो दर्शन दीहें हो, भीलनियो के राम
पंथ निहारत डगर बहारत होता सुबह शाम
आशुतोष शुक्ल
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