अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो भजन लिरिक्स – जया किशोरी जी

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो 

 देखो देखो यह गरीबी, 
यह गरीबी का हाल,

कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ ,

मेरे बचपन का दोस्त हैं यह श्याम,

येही सोच कर मैं आस ले कर के आया हूँ ,


अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो,

दर पे सुदामा गरीब आ गया है ,

भटकते भटकते ना जाने कहाँ से,

तुम्हारे महल के करीब आ गया है ,


ना सर पे हैं पगड़ी, ना तन पे हैं जामा

बतादो कन्हिया को नाम है सुदामा ,

इक बार मोहन से जाकर के कहदो,

मिलने सखा बदनसीब आ गया है ,


सुनते ही दोड़े चले आये मोहन,

लगाया गले से सुदामा को मोहन ,

हुआ रुकमनी को बहुत ही अचम्भा,

यह मेहमान कैसा अजीब आ गया है ,

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