भजन लिरिक्स :
कइसे सहीहें वियोग ओह नगरी के लोग
कैसे सहिये वियोग
ओह नगरी के लोग
नगरी लोग ओह नगरी के लोग
कैसे सहिये वियोग
ओह नगरी के लोग
रवि अइसन बाटे छवि
के बा जे बर्नी क दी क्स x 3
सूरत मूरत अइसन बाटे
कोठरी में राखे जोग
कैसे सहिये वियोग
ओह नगरी के लोग
अंग बा मुलायम अमोला
अमोला कहा अइसन होला
देखि के भीतरी गयत्री के
उमडेला प्रेम डोर
कैसे सहिये वियोग
ओह नगरी के लोग
jai ho