भजन लिरिक्स राजन जी महराज आसरा इस जहाँ का मिले न मिले
राजन जी महराज द्वारा गया हुआ भजन ” आसरा इस जहाँ का मिले न मिले ” दिल को छू लेने वाला भजन है। यह भजन वर्ष 2008 आगरा में हुई राम कथा में पूज्य राजन जी महराज जी ने गया है
भजन
आसरा इस जहाँ का मिले न मिले
मुझको तेरा सहारा सदा चाहिए
चाँद तारे फलक पर दिखे न दिखे
मुझे तेरा इशारा सदा चाहिए
आसरा इस जहाँ का मिले न मिले
यहाँ खुशियाँ है कम और ज्यादा है गम
जहाँ देखो वही है भरम भरम ही भरम
मेरी चाहत की दुनिया बसे न बसे
मेरे दिल में बसेरा तेरा चाहिए
आसरा इस जहाँ का मिले न मिले
मेरी धीमी है चाल और पथ है विषाल
हर कदम पर मुसीबत है अब तू संभाल
पैर मेरे थके है चले न चले
मेरे दिल को इशारा तेरा सदा चाहिए