भजन लिरिक्स : राजन जी महराज
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाए |
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाए ||
महफ़िल में जुदा रहना जाए संतो से सीख जाए |
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाए ||
सुख दुःख में हसना रोना है काम कायरो का |
दोनों में मुस्कुराना संतो से सीख जाए ||
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाए |
झंझट से भाग जाना सब लोग बताते है |
झंझट में बच के रहना संतो से सीख जाए ||
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाए |
मरने के बाद मुक्ति सब लोग बताते है |
जीते जी मुक्त होना संत से जाए ||
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाए |
दुनिया के लोग दौलत पाकर के मुस्कुराते |
पर भिछु बन के हसना संतो से सीख जाए ||
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाए |