भजन Lyrics : राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया
ऐसा सूंदर स्वभाव कहाँ पाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
परनारी पर दृस्टि न डाली
ऐसी तुम्हरी प्रकृति निराली
तुम्हे बाल्मीक तुलसी ने गाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
ऐसा सूंदर स्वभाव कहाँ पाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
अवगुण देख के क्रोध न आता
भक्तो को देख के प्रेम न समाता
धन्य कौसल्या जु जिसने तुम्हे जाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
अवगुण देख के क्रोध न आता
भक्तो को देख के प्रेम न समाता
धन्य कौसल्या जु जिसने तुम्हे जाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
ऐसा सूंदर स्वभाव कहाँ पाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
अपने किये का अभिमान न तुमको
निज जान का सन्मान है तुमको
तुम्हे राम रामभद्राचर्य अति भाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
अपने किये का अभिमान न तुमको
निज जान का सन्मान है तुमको
तुम्हे राम रामभद्राचर्य अति भाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
ऐसा सूंदर स्वभाव कहाँ पाया
राघव जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
प्रभु जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||
प्रभु जी तुम्हे ऐसा किसने बनाया ||