Bhajan : Shanker Teri Jata Mein
Singer : Shir Prembhushan Ji Mahraj
Lyrics:
Singer : Shir Prembhushan Ji Mahraj
Lyrics:
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा ||
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा ||
काली घटा के अंदर , जिम्दामिनी उज़ाला
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा ||
गले मुंड मॉल राजे , शशी भाल पे विराजे ||
डमरू निनाद बाजे, कर में त्रिशूल धारा ||
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा ||
काली घटा के अंदर , जिम्दामिनी उज़ाला
मृग चरम वसन धारी , ब्रिस्राज पे सवारी
निज भक्त दुःख हारी , कैलाश में विहारा
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा ||
त्रिग तीन तेज राशि , कटी बांध नाग फ़ासी
गिरजा है संग दासी , सब विश्व के अधारा ||
शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा ||
काली घटा के अंदर , जिम्दामिनी उज़ाला
Shankar Teri Jata me Behti Hai Gang Dhara bahut hi sunder bhajan prembhushan ji