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दो नैना सरकार के कटीले हैं कटार से – भजन लिरिक्स | Devi Chitralekha Ji Bhajan Lyrics in Hindi

दो नैना सरकार के” एक अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण भजन है जिसे देवी चित्रलेखा जी ने अपनी मधुर वाणी में गाया है। यह भजन श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य और उनकी मोहक आँखों का वर्णन करता है। जब एक भक्त अपने आराध्य की झलक पाता है, तो उसकी आत्मा प्रेमरस से भर जाती है – ठीक वैसा ही अनुभव इस भजन के माध्यम से होता है।

यह भजन कीर्तन, सत्संग, भजन संध्या या व्यक्तिगत साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

🎵 दो नैना सरकार के – भजन लिरिक्स (Lyrics in Hindi):

मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का
दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से

कमल लजाएं तेरी, अँखियों को देख के
भूली घटाएं तेरी, कजरे की रेख पे
मुखड़ा निहार के, सो चाँद गये हार के
दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से

क़ुरबान जाऊँ तेरी, बांकी अदाओं पे
आ पास आजा तुझे, भर लूँ मैं बांहों में
ज़माने को बिसार के, दिलों जां तुझपे वार के
दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से

रमण / बांके बिहारी नहीं, तुलना तुम्हारी
तुमसा ना पहले कोई, ना होगा अगारी
दिवानों ने विचार के, कहा है यह पुकार के
दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से


✨ इस भजन की विशेषताएं:

  • यह भजन श्रीकृष्ण के रूप माधुर्य की अद्वितीय झलक पेश करता है।
  • चित्रलेखा जी की मधुर वाणी इसमें भक्ति का रस घोल देती है।
  • हर पंक्ति कृष्ण प्रेम से ओतप्रोत है, जिससे श्रोता भावविभोर हो जाता है।
  • यह भजन वृन्दावन, बांके बिहारी, और कृष्ण भक्ति से जुड़े हर श्रद्धालु के हृदय को छूता है।

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