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चली जा रही है उम्र धीरे धीरे भजन लिरिक्स | पूज्य राजन जी महाराज | भावपूर्ण भजन लिरिक्स हिंदी में

चली जा रही है उम्र धीरे धीरे भजन लिरिक्स | पूज्य राजन जी महाराज | भावपूर्ण भजन लिरिक्स हिंदी में
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे भजन लिरिक्स | पूज्य राजन जी महाराज | भावपूर्ण भजन लिरिक्स हिंदी में

चली जा रही है उम्र धीरे धीरे भजन लिरिक्स : पूज्य राजन जी महाराज द्वारा गाया गया भजन “चली जा रही है उम्र धीरे धीरे” के हिंदी लिरिक्स। यह भजन मानव जीवन की नश्वरता और भक्ति के महत्व को दर्शाता है।

🙏 भजन विवरण:

  • 🎵 भजन का नाम: चली जा रही है उम्र धीरे धीरे
  • 🎤 गायक: पूज्य राजन जी महाराज
  • 📍 स्थान: ग्राम धुरगड़गी, गिरिडीह, झारखंड
  • 🗓️ अवसर: श्रीरामकथा, फरवरी 2022
  • 🎙️ विशेष बात: यह भजन पूज्य राजन जी ने सर्वप्रथम अपने पूज्य महाराज श्री से सुना था।

🎶 भजन के लिरिक्स | Chali Ja Rahi Hai Umar Dheere Dheere Lyrics in Hindi:

CopyEditचली जा रही है उम्र है धीरे धीरे,  
पल पल और आठों पहर धीरे धीरे।  
चली जा रही है उम्र है धीरे धीरे॥

बचपन भी बीता, जवानी भी जाये,  
बुढ़ापे का होगा असर धीरे धीरे।  
चली जा रही है उम्र है धीरे धीरे॥

तेरे हाथ पाँवों में बल न रहेगा,  
झुकेगी तुम्हारी कमर धीरे धीरे।  
चली जा रही है उम्र है धीरे धीरे॥

शिथिल अंग होंगे सब एक दिन तुम्हारे,  
फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे।  
चली जा रही है उम्र है धीरे धीरे॥

बुराई से मन को तू अपने हटा ले,  
तो बन जाये तेरा जीवन धीरे धीरे।  

भजन कर हरी का तू पल पल प्यारे,  
तो मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे।  

पल पल और आठों पहर धीरे धीरे,  
चली जा रही है उम्र है धीरे धीरे॥

🌺 भजन का भावार्थ:

यह भजन हमें मानव जीवन की अस्थिरता और समय की गति का बोध कराता है।

  • बचपन, जवानी और बुढ़ापा — सब धीरे-धीरे बीतते चले जाते हैं।
  • शरीर की ताकत और दृष्टि भी एक दिन क्षीण हो जाती है।
  • ऐसे में जीवन का सबसे सुंदर मार्ग है – हरि भजन, पुण्य कर्म और बुराई से दूरी
  • यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हम समय रहते अपने जीवन को सार्थक बना लें।

📿 क्यों सुनें यह भजन?

  • यह भजन मन को जागरूक करता है
  • ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है
  • मोहमाया से मुक्त होकर परमात्मा की ओर जाने का मार्ग दिखाता है
  • यह भजन प्रेरणा, विवेक और भक्ति तीनों का संगम है

✍️ निष्कर्ष:

“चली जा रही है उम्र धीरे धीरे” सिर्फ एक भजन नहीं, बल्कि जीवन का आईना है।
यह भजन हर उस इंसान को झकझोरता है जो जीवन के सत्य को समझना चाहता है और परमात्मा की शरण में आकर उसे सार्थक बनाना चाहता है। पूज्य राजन जी महाराज की सरल और भावनात्मक प्रस्तुति इस भजन को अमिट स्मृति बना देती है।

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